जब तक बारी बा उमरिया त बाबा के नगरिया बानी ये राम - निर्गुण

जब तक बारी बा उमरिया बाबा के नगरिया बानी ये राम - निर्गुण

जब तक बारी बा उमरिया
त बाबा के नगरिया बानी ये राम
ससुरा से आयी जब खबरिया
त माई के दुअरिया छुटी ये राम

एक दिन हमरो सावरिया
लेईके के पिअरिया अईहे ये राम
सखी लोग पेन्हाई के चुनरिया
डोली भीतरिया बईठईहे ये राम

उपरा से ललकी चदरिया
चार गो कहरिया अईहे ये राम
झट दे निकलिहे बहरिया
तनिको ना देरिया लागी ये राम

अंगना में भउजी महतरिया
अवरु बाबूजी बहरिया रोवे ये राम
अंतिम भर अकवरिया
हमरा से नेहिया छोडईहे ये राम

जाहि दिन बन के बहुरिया
हम ससुररिया जाईब ये राम
सईया से मिली नजरिया
त सईया सेजरिया अईहे ये राम

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें